मनी मार्केट फंड्स की NAV इंटरेस्ट रेट में बदलाव पर भी टिकी होती है. पिछले 3 साल में इन फंड्स ने करीब 6 फीसद का औसत सालाना रिटर्न दिया है.
NAV किसी भी म्यूचुअल फंड स्कीम का यूनिट प्राइस होता है. आप किसी भी फंड को उसके NAV पर ही खरीदते बेचते हैं. इसके बारे में और जानने के लिए देखिए ये वी
NAV किसी भी म्यूचुअल फंड स्कीम का यूनिट प्राइस होता है. आप किसी भी फंड को उसके NAV पर ही खरीदते बेचते हैं. ये रोज बदलता है.
बॉन्ड की कीमतें और ब्याज दरें एक दूसरे के विपरीत होती हैं. इसलिए, जब ब्याज दरें बढ़ती हैं, तो बॉन्ड की कीमतें गिरती हैं.
रिटेल इन्वेस्टर कुछ गवर्नमेंट सिक्योरिटीज को डायरेक्ट नहीं खरीद सकते. ऐसी गवर्नमेंट सिक्योरिटीज पाने के लिए केवल गिल्ट फंड में इन्वेस्ट कर सकते हैं.
क्या आपके पोर्टफोलियो में नये फंड के लिए जगह है? अगर आपके पोर्टफोलियो में उस तरह की स्कीम मौजूद है तो फिर नई स्कीम को शामिल करने की जरूरत नहीं.
1995 में शुरू हुए निप्पोन इंडिया ग्रोथ फंड की NAV 10 रुपये से 2,000 रुपये तक पहुंची है. 26 साल के इस सफर में इस फंड ने कई गुना रिटर्न दिया है.
Mutual Fund: Mutual Fund जैसी स्कीम में पैसे लगाने की सोच रहे हैं, तो स्मार्ट इन्वेस्टर की तरह निवेश से पहले जानकारी हासिल करके ही निवेश करें
Ambitious Spending: इससे आप 500 रुपए बचा लेंगे और इस बचत को अपने महत्वाकांक्षी खर्च के फंड में डाल दें. इसमें आपको कोई कटौती नहीं करनी पड़ी.
वेतन पाने वाले लोगों के लिए यह उपयुक्त होता है. क्योंकि इसमें आप आय बढ़ने के साथ-साथ अपनी बचत भी बढ़ा सकते हैं.